कौथिग में शामिल हुये महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को प्रवासी उत्तराखंडियों के सांस्कृतिक महोत्सव कौथिग में सिरकत की। रामलीला मैदान नेरुल में अपनी कर्मभूमि के लोकप्रिय मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर प्रवासी गदगद हो उठे। जैसे ही मुख्यमंत्री कौथिग प्रांगण में पहुंचे यहाँ बैठे दर्शकों ने खड़े होकर मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर कौथिग में उमड़े उत्तराखण्डियों के जनसमूह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने माँ नन्दा को नमन करते हुए कहा कि मुंबई की संस्कृति को आत्मसात करते हुये कौथिग के जरिए अपने मूल की संस्कृति को जिंदा रखने का यह महोत्सव सरहनीय है। मुख्यमंत्री ने कौथिग टीम और मुंबई में रह रहे उत्तराखंडवासियों इस महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महोत्सव देखकर आपके बीच और बैठने की इच्छा हो रही है, लेकिन दूसरे कार्यकम के कारण अब कौथिग 2020 में लम्बे समय आपके बीच रहूंगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत कौथिग फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष योगेश्वर शर्मा , संयोजक केशरसिंह बिष्ट व कार्यकारी अध्यक्ष सुशील जोशी व महासचिव तरुण चौहान ने किया। इस अवसर पर अभिनेता हेमंत पांडे, अभिनेत्री ट्विशा भट्ट, महेश भट्ट, नंदाबल्लभ अकोलिया व अन्य प्रतिनिधि मंच पर मौजूद थे।

श्री योगेश्वर शर्मा, संस्थापक, कौथिक फाउंडेशन, ने कहा, " कौथीग  इस साल 12 वें वर्ष में पंहुचा है और इस बार कल्चरल महोत्सव उत्तराखण्ड की कुल देवी  माँ भगवती नंदा को समर्पित है. इस  मेगा उत्सव में  उत्तराखंड की न केवल अनूठी सांस्कृतिक बारीकियों को दर्शाता है, बल्कि यह हस्तशिल्प, पारंपरिक खाद्य पदार्थ और फलों के पेय, हर्बल उत्पादों के साथ पहाड़ी राज्य की अनूठी विशेषता को भी प्रमुखता से दर्शाता है। कौथिग उत्तराखंड का सबसे बड़ा सामुदायिक त्यौहार है जो मुंबई में पहाड़ी युवाओं को उनकी संस्कृति और जड़ों के करीब लाने में  सफल रहा है। हमारी मातृभूमि से दूर होने के कारण, हमारे कई युवा अब एक दिन में पहाड़ी परंपरा और समुदाय के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं। यह त्योहार हर साल इस अंतर को पाटने की कोशिश करता है और उन्हें अपनी पहाड़ी कला, संस्कृति और रीति-रिवाजों की सराहना करने के लिए प्रोत्साहित करता है। कौथिग फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य रचनात्मक और समावेशी पहाड़ी  समुदाय  बनाना है। हम एक मजबूत पहाड़ी सामुदायिक पहचान, पोषण, संरक्षण, सुरक्षा और मान, कला, संस्कृति, खाद्य, हस्तशिल्प उत्पाद और विरासत का निर्माण करना चाहते हैं। उत्तराखंड पीस लविंग और लॉ-एबाइडिंग लोगों के लिए जाना जाता है जो ईमानदार, अनुशासित, मेहनती, विनम्र, सम्मानजनक, देशभक्त, शुद्धतावादी और भरोसेमंद हैं। हम युवाओं और नई पीढ़ी के बीच इन मूल्यों को पोषित और विकसित करना जारी रखेंगे.


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