11th Edition of Uttarakhand Cultural Mahotsav “Kauthig 2018” inaugurated in Navi Mumbai
उत्तराखण्ड महोत्सव "कौथिग 2018" का नवी मुंबई में रंगारंग उद्घाटन
प्रवासी उत्तराखंडियों के सामाजिक संगठन कौथिग फाउंडेशन द्वारा आयोजित कौथिग 2018 जो सबसे बड़ा पहाड़ी कम्युनिटी क ल्चरल फेस्टिवल है, के 11वें संस्करण का भव्य उद्घाटन राजनीतिक-सामाजिक और उद्योग क्षेत्र की कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति में शुक्रवार, 19 जनवरी को नवी मुंबई में नेरूल के रामलीला मैदान में श्री माधवनंद भट्ट , ,यल आई सी के वरिस्ट व्यवसाय सहयोगी मिलिन्द गुरव, कौथिग फाउंडेशन के फाउंडर संस्थापक डॉ योगेश्वर शर्मा व् अध्यक्ष हीरासिंह भाकुनी के कर कमलो से हुआ। यह दस दिवसीय रंगारंग कार्यकर्म 28 जनवरी तक चलेगा.
कौथिग फाउंडेशन के अध्यक्ष हीरासिंह भाकुनी ने कहा " कौथिग में उत्तराखंड से आये २०० गढ़वाली, जौनसारी और कुमाऊंनी कलाकार कौथिग के मंच पर अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे. इसके अलावा इस बार मुख्य रूप से हम युवाओ का ध्यान अपने उजड़ते हुए गांवोकी ओर खींचने का प्रयास कर रहे है। राज्य गठन के बाद से पहाड़ में पलायन तेज हुआ है। ९०० से भी ज्यादा गांव उजड़े व् खंडरों में तब्दील हो चुके हैं और एक बड़ी समस्या उत्पन हो गयी है.पहले जहां परिवार का एक सदस्य विस्थापित हो रहा था, वहां अब पूरा-पूरा परिवार गांव छोड़कर शहर का रुख कर रहा है।पलायन की इसी तीव्र दर का सबब है कि प्रदेश में इस समय गैर आबाद गांवों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।इस लिए इसबार हमने कौथिग के मंच को गॉंव की वीरान पड़े घर का रूप को "गांव को संवारें" की थीम पर तैयार किया गया है. हमे ख़ुशी है कि कौथिग फाउंडेशन विगत ११ वर्षो में अनेक कार्यकर्मो व् अथक प्रयासो से उत्तराखंडी प्रवासियों व युवाओ को अपने पहाड़ी समाज, संस्कृति से जोड़ने में सफल हुआ है। कौथिग फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य पहाड़ी समाज को मजबूत व् युवाओ को ससक्त करते हुए अपनी संस्कृति व् विरासत को आगे बढ़ाना है"
विगत 10 सालों से लगातार जारी 11वें कौथिग 2018 में इस बार प्रवासियों के लिए सांस्कृतिक प्रस्तुतियों व् मनोरंजन के साथ ही कौथिग में प्रांगण में स्वास्थ्य जांच शिविर, आर्थिक-सामाजिक पहलुओं पर सेमिनार, विवाह योग्य युवक-युवतियों के लिए पंजीकरण जैसे कार्य होंगे.
हर बार की तरह कौथिग 2018 की शुरुआत मां नंदादेवी राजजात की शोभा यात्रा से हुई , नंदादेवी राजजात की झांकी में उत्तराखंड के पिथौरागड़ से मशहूर छलिया कलाकार और मोतीलाल नेहरू विद्यालय के छात्रो ने रंगा-रंग पथनृत्य प्रस्तुत कर इस सुयोजन की शोभा बड़ाई ।
कौथिग में इस बार भी बड़ी मात्रा में उद्योग निदेशालय, कृषि विभाग और अन्य संस्थाओं ने अपने पहाड़ी उत्पादों को बिक्री के लिए रखा है. पहाड़ का माल्टा, बुरांश-खुमानी, पुदीना और कई तरह का शुद्ध ज्यूस जैसे कई पेय पदार्थों के स्टाल मेले में लगेंगे . पहाड़ की खेती में पैदा होने वाले सैकड़ों खाद्य उत्पाद कोदा-झंगोरा, राजमा, गहथ, भट्ट, भंगजीर आदि इस बार काफी मात्रा में कौथिग में लाया जा रहा है. कौथिग में पहाड़ के अनोखे हस्तशिल्प के भी कई स्टाल लगे हैं
कौथिग को इस बार उत्तराखंड की महान विभूतियों को समर्पित किया गया है जिनमे लोक गायक श्री चंद्रसिंह राही जी, जनकवि व गायक श्री गिरीश तिवारी गिर्दा जी, आरेखन और कार्टूनिस्ट श्री बी. मोहन नेगी जी, जोहर बैली की प्रसिद्ध ऐतिहासिक सख्शियत शेरसिंह पांगती जी, फोटोग्राफी के जुझारू हस्ताक्षर श्री कमल जोशी जी और लेखक श्री रतन सिंह जौनसारी जी, मुंबई से प्रवासियों की सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों को नये आयाम देने वाले स्वर्गीय डी. राम, अर्जुनसिंह गुसाईं, भगतसिंह शाह, गौरीदत्त बिनवाल, देवी बिष्ट आदि है .
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