धाद संस्था ने उत्तराखंड के 250 स्कूलों में स्थापित किये पुस्तकालयो के कोने, जानिए कैसे जुड़े इस मिशन से

मुंबई/देहरादून : रचनात्मक कार्यों में सक्रिय उत्तराखंड की समाजसेवी संस्था धाद ने  पहाड़ की नई पीढ़ी को बेहतरीन शिक्षण पुस्तकों को उपलब्ध करवा कर सक्षम बनाने के उदेश्य से एक अनोखी पहल आरम्भ की है जिसमे अब तक पूरे प्रदेश के अलग अलग जिलों में 250 से भी ज्यादा स्कूलों में पुस्तकालय के कोने संचालित किये गए है. इस सामाजिक संस्था ने हाल ही में मुंबई के कौथिक फाउंडेशन को इस सार्थक मुहीम में शामिल किया है जिसके सहयोग से बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंडियों को सीधे अपने स्कूल  व् गांव से जुड़ने  का मौका मिला है और वे यहाँ भविष्य की पीढ़ी को प्रेरित कर हौसले के साथ आगे बढ़ने में मदत कर पा रहे है।

कौथिग फाउंडेशन ने अनेक वर्षो से मुंबई में उत्तराखंडी लोगो को खास तौर पर युवाओं को उनकी संस्कृति और जड़ों के करीब लाने में सफलतापूर्वक एकजुट एक मजबूत पहाड़ी कम्युनिटी कनेक्ट स्थापित किया है. और अब इनके माध्यम से 'धादउत्तराखंड के सभी पर्वतीय क्षेत्र में ज्यादा मात्रा में आधुनिक और  उच्च स्तरीय पुस्तकों व् शिक्षण समाग्री  की व्यवस्था कर विधार्थियो को सशक्त बनाने के अपने लक्ष्य में लगातार तेजी से आगे बढ़ रहे है. 

  
इस संस्था के मुख्य कार्यकारी सदस्यों ने  इस अभियान की जानकारी देते हुए कहा है कि  उत्तराखंड के 17000 विधालयों  में से  ज्यादातर स्कूल  पहाड़ व्  दूरस्थ क्षेत्रो  में होने के कारण वहां उच्च स्तरीय पुस्तकों की व्यवस्था करना अपने आप मे बड़ी चुनौती है। धाद ने इस दिशा में समाज के सहयोग पर आधारित एक कार्यक्रम "कोना कक्षा का" विकसित किया है  जहां  ये संस्था  बड़ी संख्या में लोगो के सहयोग से हर स्कूल में पुस्तकों का एक कोना स्थापित करने के लक्ष्य पर काम कर रही है । इस कठिन मिशन की कामयाबी के लिए इन्होने विशेष रूप से पर्वतीय गाँव और उनके स्कूलों को जोड़ने के लिए सभी लोगों से अपने गाँव के स्कूल के साथ जुड़ने की अपील की है।

धाद यह कार्यक्रम पिछले डेढ़ साल से चला रही है जिसमे आज पूरे प्रदेश के अलग अलग जिलों में सैकड़ो कोने अलग अलग स्कूलो में चलाये जा रहे है और वहां के बच्चे चम्पक, नंदन, प्लूटो, चकमक, साइकिल और देश के सबसे प्रतिष्ठित प्रकाशकों की पुस्तकें पढ़ रहे है।

यदि आप भी चाहते है कि आपके गाँव तक दुनिया की सबसे अच्छी किताबे पहुंचे तो आप भी इस अभियान का हिस्सा बन सकते है। इसके लिए आपको प्रतिमाह 100 रुपये य सालाना 1200 रुपये का योगदान करना है.  धाद इसके एवज में आपके स्कूल के कोने में आपके या आपके माता पिता के नाम से एक कोना स्थापित कर देंगे जिसके अंतर्गत हर वर्ष 25 किताबे(कक्षा पांच तक) 20 किताबे (कक्षा आठ तक) और एक मासिक/द्वैमासिक पत्रिका उपलब्ध करायी जाएगी। 

धाद  व्  कौथिक फाउंडेशन  मुंबई ने इस अभियान से जुड़ने की अपील उन सभी लोगो से  की है जो एक बेहतर उत्तराखंड का सपना देखते है और अपने गाँव या  उससे जुड़े क्षेत्र के लिये काम करना चाहते है उसे और सक्षम देखना चाहते है.  अगर आप भी अपने गांव के बच्चों की बेहतरी के लिये योगदान करने  की इच्छा रखते है. तो आज ही जरूर मिलाइये इस संस्था से हाथ।

आप को बस करना ये है कि आप अपने मूल गाँव का नाम उसकी पट्टी ब्लॉक का विवरण हमें भेज दीजिये। धाद के साथी वहां के स्कूल के अध्यापक से संपर्क कर वहां कोना स्थापित करने के लिए जरूरी काम स्वयं करेंगे।

संपर्क सूत्र श्री केसर सिंह बिस्ट/श्री तन्मय ममगाई 

(9011220066/9219510932)

Comments

Popular posts from this blog

Uttarakhand CM Harish Rawat lays foundation stone for Shri Badrinathji Temple at Vasai

Uttarakhand’s Largest Cultural Festival Maha Kumbh “Kauthig 2013” Ends on Festive note In Mumbai

Uttaranchal Mahasangh Mumbai felicitates five women on Mahila Divas for their contribution as homemakers

Lord Shiva and Shravan Month

Lord Shiva Unplugged

Mrs. Padma Tamta seeks financial support for her chemotherapy

Uttarakhand’s colourful community festival “Kauthig 2014” spreads festive cheer in Mumbai

Uttarakhand’s popular community fiesta “Kauthig 2015” celebrated with gusto in Navi Mumbai

Head to Nerul this weekend to enjoy the flavours and customs of Uttarakhand in Navi Mumbai

Uttarakhandi environmentalist and social activist Chandi Prasad Bhatt awarded with the prestigious Gandhi Peace Prize